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जीवण : धुखतो छाणो / सांवर दइया
Kavita Kosh से
नित लावणो
नित खावणो
टींगरां रै मूत सूं
गिंधावतो बिछावणो
छीजतै जोबन रो
गरमास लेवण मिस
सो जावणो
थाकैलो उतारणो
भळै पछतावणो
आयै बरस
आंगणै में नुंवो पावणो
कदैई रोवणो
कदैई गावणो
चांचड़ देवणियो ई
चुग्गो देसी
आ सोच मन बिलमावणो
म्हारी इण
सांतरै तुकां आळी
आडी रो अरथ पिछाणो
ऐड़ो जीवण
…………..?