भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
जीवन का अर्थ / कर्णसिंह चौहान
Kavita Kosh से
राह किनारे
जीवन के मतलब से हारे
झेल शीत के झोंके दिन भर
खोज रहे वे प्यार अनदिखा
देह अस्थि की अगिन सहारे