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जीवन के ये पल / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'
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जीवन के ये प्यारे पल
आज नहीं तो फिर ये कल ।
बह जाएँगे इन हाथों से
करते कल कल छल छल ।।
जिन्हें छोड़ दें; वे मुस्काएँ
दुख की धूप कभी न आए ।
जो मिल जाएँ आगे पथ में
उनके लिए भी कुछ कर जाएँ।।
अपना जीवन लुटते जाना
खोना -खोना ,कुछ न पाना ।
दर्द उठे फिर फ़िर मुस्काना
आँसू आए, गीत सुनाना ।।
नन्हीं कलियाँ गले लगाकर
खुशबू के नग़में बन जाना ।
कोयल जागे तो जग जाना
कोयल सोए तो सो जाना ।।