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जीवन क्या है? / द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

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जीवन क्या है?
वह टेढ़ी-मेढ़ी सी रेखा,
प्रथम और अंतिम
दो श्वास-बिन्दुओं को जो
मिला रही है।

और मृत्यु क्या?
वह है एक सरल रेखा-सी
अंतिम और प्रथम
दो श्वास-बिन्दुओं को जो
मिला रही है।

जून, 1961