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जीवन साथी / रंजना सिंह ‘अंगवाणी बीहट’
Kavita Kosh से
सावन मास, दिल में आस।
साजन पास, सजनी खास।
आयी रैन, मीठा नेह।
खोई चैन, दिल में गेह।।
बालम प्यार, होता खास।
जीवन सार, जब दो पास।।
पी के संग ,सजना गाँव।
सिहरत अंग, बरगद छाँव।
पकड़े हाथ, खींचे डोर।
झूमें साथ, प्रेमक भोर।।
आँखें लाल, बीती रात ,
करते बात, चमका भाल।।
सजना प्रीत, जीवन रीत।
मन का मीत, गायें गीत।।
सच्चा साथ , देता मीत।
साजन साथ, जीवन प्रीत।।