भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवाश्म / अजित कुमार

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

पत्थर के भीतर-
क्या पत्थर ?
या पत्थर के भीतर-
जीवन ?
जीवन के अंदर था-
जीवन ?
या जीवन के अंदर-
पत्थर ?

पूछ चुका हूँ
पूछ रहा हूँ :

कौन बताए ?