भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जुगनी ते जुगना चल मणियाँ / पंजाबी

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां,

साडे बुए दे अग्गे नाली,
उड़ गया कां ते बै गयी लाली,
नी कई सोणी जुगनी-शाब्बा,
नी कई बांकी जुगनी-शाब्बा,
नी कई टोई पिरोती-शाब्बा,
नी कई लिशकन मोती-शाब्बा,
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां,

जुगनी जा वडी मदरसे,
मुंडे लै किताबाँ नसे,
मास्टर खिड खिड कर के हस्से,
नी कई सोणी जुगनी-शाब्बा,
नी कई बांकी जुगनी-शाब्बा,
नी कई टोई पिरोती-शाब्बा,
नी कई लिशकन मोती-शाब्बा,
जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां,

जुगनी जा वडी लाहोर,
उन्दे पै गये पीछे चोर,
अग़े जुगनी पीछे चोर,
चोरां ते पे गये मोर,
नी कई सोणी जुगनी-शाब्बा,
नी कई बांकी जुगनी-शाब्बा,
नी कई टोई परोती,
नी कई लिशकन मोती,

जुगनी ते जुगना चल मणियाँ,
पाणी नु चलियाँ दो जणियां.