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जुगनू कोई सितारों की महफ़िल में खो गया / बशीर बद्र
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जुगनू कोई सितारों की महफ़िल में खो गया
इतना न कर मलाल जो होना था हो गया
परवरदिगार जानता है तू दिलों का हाल
मैं जी न पाऊँगा जो उसे कुछ भी हो गया
अब उसको देखकर नहीं धड़केगा मेरा दिल
कहना के मुझको ये भी सबक याद हो गया
बादल उठा था सबको रुलाने के वास्ते
आँचल भिगो गया कहीं दामन भिगो गया
इक लड़की एक लड़के के काँधे पे सो गई
मैं उजली धुंधली यादों के कोहरे में खो गया