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जुड़वा भाई / बालस्वरूप राही
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					धन्नु मन्नू जुड़वाँ भाई, 
मिलती-जुलती सूरत पाई। 
बिना दाँत के हँसते ही-ही, 
जैसे कोई बुढ़िया माई। 
एक खिलोना रखो बीच में, 
फिर देखो तुम हाथापाई। 
इन्हें लिए रहते गोदी में, 
चाचा-चाची, ताऊ ताई।
	
	