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जुदा तुमको अपने से होने न देंगे / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
जुदा तुम को अपने से होने न देंगे।
कभी अश्क़ से पीर धोने न देंगे॥
गगन में बनेंगे चमकते सितारे
कि माला में आँसू पिरोने न देंगे॥
न तन्हा रहो तुम न तन्हा रहें हम
अकेले ही दामन भिगोने न देंगे॥
चुरा लेंगे आँखों से आँसू के मोती
फ़सल अब कभी दुख की होने न देंगे॥
जलेंगे सदा दीप बन रोशनी हित
अँधेरा कहीं पर भी होने न देंगे॥
अधर पर खिले फिर हँसी फूल जैसी
विनाशों के सपने सँजोने न देंगे॥
कहीं दर्द ग़म की तिजारत न होगी
गंवा स्वप्न आँखों को सोने ना देंगे॥