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जुद्ध / कन्हैया लाल सेठिया

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लड़तो
रयो है
आद स्यूं
मिनख
जुद्ध
पण बदळता रया
कारण
पैली लड़ती
शरीर री भूख
अबै लड़ै
मन री भूख
पैलां लड़णियां रो
साचो नारो हो
जय,
अबै लड़णियां रो
झठो नारो है
शांति !