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जूण रा इग्यारा चितराम (7) / सुरेन्द्र सुन्दरम
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भूखै नै
राम नीं मिलै
अर
मरयां बिन्यां
अराम नीं मिलै
आं मोटयारां रो
खून उबाळो खा जावै
जे हां हाथां नै
काम नीं मिलै।