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जूनौ काळ / रेंवतदान चारण
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छप्पनै पछै तौ छिन्नवौ पचीसो अर छाईस
चिड़ियानाथ री चूक सूं काळ झाळ ली ईस
कै तौ लागै मेह झड़ के नहरां आवै नीर
माटी धापै मुरधरा काळ समंदरां तीर