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जेठ-बइसाखवा के भूँभुर हे / भोजपुरी
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जेठ-बइसाखवा के भूँभुर हे, कि भुँइयाँ पग दिहलो ना जाय।
गोर तोरे लागिले बिअहुआ, कि मोरा लेहू डोलवा फनाय।।१।।
कहवाँ ही पइबों डोलवा के डँड़िया, कहवाँ ही मिलिहें कँहार
कहवाँ ही मिलिहें पाँचों बाजन रे, कहवाँ ही मिलिहें कहाँर।।२।।
हाँ रे, पूरुब ही मिलिहें डोलिया से डँड़िया, पछिमहीं मिलिहें कँहार।
कि मोरंग मिलिहें पाँचो बाजन रे, पछिमहीं मिलिहें कँहार।।३।।