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जेब / रतन सिंह ढिल्लों
Kavita Kosh से
घड़ी के आदेश पर
सोफ़े पर
सरसराहट हुई
और मेज़
धीरे-धीरे सरकने लगी ।
उसके
बायें हाथ की
दूसरी अंगुली के पास
छल्ला घूम रही थी ।
मैंने उसकी नग्न आँखों में
अपनी
बदलती तस्वीर देखी ।
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला