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जे आँखी तर घुरतें रहते / कस्तूरी झा 'कोकिल'

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जो आँखी तर घुरतें रहतै बोलॅ केनाँ भूलैतै जी?
जैगड़ली छै तिरछी दिल में बोलॅ केनॉ निकलतै जी
कण-कण में लागैॅ छै जेनॉ
फोटो तोरे सटलॅ छै
गली-गली में डगर डगर में
फोटो तोरे पटलॅ छै
जे दौड़ै छै आगू-आगू पीछे केनॉ, घुरैतै जी?
जैगड़ली छै तिरछी दिल में बोलॅ केनॉ निकलतै जी?
नजर-नजर में लागै जेनाँ
तोरे नयना नाचै जेनाँ
तोरे बोली लागै जेनाँ
तोरे बोली बाँचै छै।
हर आहट लागैछै जेनाँ निश्चय आय मिलैतै जी
जैगड़ली छै तिरछी दिल में बोलॅ केनॉ निकलतै जी?
नील रंग के साड़ी तोरेॅ
जड़लॅ वै में तारोॅ छै।
चन्द्रमुखी तोहीं छै हमरोॅ
झलमल जड़ी सितारा छै।
मिलन असंभव चिर बिछुड़न केॅ केनाँ आग बुझैतै जी?
जैगड़ली छै तिरछी दिल में बोलॅ केनॉ निकलतै जी

14/04/15 सतुवानी/वैशाखी रात 10 1/2 बजे