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जो उड़ते हैं उड़ाने साथ रहती हैं / जहीर कुरैशी
Kavita Kosh से
जो उड़ते हैं उड़ानें साथ रहती हैं
उड़ानों की थका नें साथ रहती हैं
कई ऐसे भी विक्रेता मिले हमको
सदा जिनके दुकानें साथ रहती हैं
बहुत-सी तितलियाँ जासूस होती हैं
मुहब्बत के बहाने साथ रहती हैं
पुरातन और नूतन पीढ़ियाँ अक्सर
परस्पर शस्त्र ताने साथ रहती हैं
पहुँच जाते हैं चोटी पर जो पर्वत की
वहाँ से भी ढलानें साथ रहती हैं