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जो कहता है तुम से ये रब दोस्तों / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
जो कहता है तुम से ये रब दोस्तों
करोगे बताओ वो कब दोस्तों
हमेशा खड़ी मौत सर पर रहे
पकड़ लेगी जागोगे जब दोस्तों
नहीं दुश्मनी का कहीं ठौर हो
मुहब्बत भरे दिल हों सब दोस्तों
किसी के दरद की न परवाह हो
अजब है जमाने का ढब दोस्तों
भरी खूब लज्ज़त मगर दर्द भी
हैं उल्फ़त की राहें अजब दोस्तों
नहीं सूझता है बहाना कोई
सदा सत्य आगे हो जब दोस्तों
असम्भव नहीं कुछ भी होता कभी
कोई तो करेगा गज़ब दोस्तों