जो गुज़री मुझपे मत उससे कहो हुआ सो हुआ / सौदा
जो गुज़री मुझपे' मत उससे कहो, हुआ सो हुआ
बलाकशाने-मुहब्बत पे1 जो हुआ सो हुआ
मबादा2 हो कोई ज़ालिम तिरा गरेबाँगीर3
मिरे लहू को तू दामन से धो, हुआ सो हुआ
पहुँच चुका है सरे-ज़ख़्म4 दिल तलक यारों
कोई सियो, कोई मरहम रखो, हुआ सो हुआ
कहे है सुन के मिरी सरगुज़िश्त5 वो बेरहम
ये कौन ज़िक्र है, जाने भी दो, हुआ सो हुआ
ख़ुदा के वास्ते आ दरगुज़र6 गुनह से मिरे
न होगा फिर कभू ऐ तुंद-ख़ू7, हुआ सो हुआ
ये कौन हाल है अहवाले-दिल पे ऐ आँखों
न फूट-फूट के इतना बहो, हुआ सो हुआ
दिया उसे दिलो-दीं8, अब ये जान है 'सौदा'
फिर आगे देखिए जो हो सो हो, हुआ सो हुआ
शब्दार्थ
1. मुहब्बत की बलाएं झेलने वालों पर, 2. ख़ुदा न करे, 3. गरेबान पकड़ने वाला, 4. ज़ख़्म का सिरा, 5. आत्म-कथा, 6. बाज़ आ, 7. उग्र स्वाभाव का, 8. दिल और धर्म