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जो गुरु चरण अनुरागते हैं भागते बिल्कुल नहीं / रंजना वर्मा
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जो गुरु चरण अनुरागते हैं भागते बिल्कुल नहीं
गुरु की सिखायी बात को वो भूलते बिल्कुल नहीं
माँ शारदे करिये कृपा आये शरण हम आप की
निश्छल विमल मति के सिवा कुछ माँगते बिल्कुल नहीं
आशीष यदि गुरु की मिले तो व्यर्थ सारा विश्व भी
देनी पड़े यदि जिंदगी भी सोचते बिल्कुल नहीं
मन में रहे यदि भावना कुछ भी नहीं गुरु के सिवा
यदि ईश भी हो सामने अनुरागते बिल्कुल नहीं
माता प्रथम गुरु जीव की देती अनोखा ज्ञान है
माँ की चरण रज कामना हम त्यागते बिल्कुल नहीं
संसार सागर है बड़ा गहरा न कोई छोर है
विश्वास है भगवान में भय पालते बिल्कुल नहीं
मद मोह बन्धन में उलझती जा रही है जिंदगी
माया लगाती ठोकरें पर जागते बिल्कुल नहीं