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जो तीन इक्के रखके भी हारा हुआ है / सूरज राय 'सूरज'

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जो तीन इक्के रखके भी हारा हुआ है।
यक़ीनन मुक़द्दर का मारा हुआ है॥

जो तूफ़ां में सबका सहारा हुआ है
उसे नाव से ही उतारा हुआ है॥

यक़ीं दोस्तों पर किया था किया है
ख़सारा हुआ था ख़सारा हुआ है॥

हुई कनपटी में सफ़ेदी की दस्तक
चलो नेकियों का इशारा हुआ है॥

मेरे घर में सबसे सयाना हैं आँगन
तज्रबों से माँ ने बुहारा हुआ है॥

नचाई गई चांदनी झोपड़ी की
हवेली में आँखों का तारा हुआ है॥

ज़माना ज़माना-ज़माना ज़माना
किसी का हुआ जो तुम्हारा हुआ है॥

कोई पढ़ सका न बदन की इबारत
तिलिस्मात का इक पिटारा हुआ है॥

पकड़ न सके उम्र भर कोशिशें की
कि रिश्तों का अस्तित्व पारा हुआ है॥

अमावस से जीता हुआ आज "सूरज"
दिलों के अंधेरों से हारा हुआ है॥