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जो प्यार कर गये वो लोग ओर थे / संतोषानन्द
Kavita Kosh से
जो प्यार कर गये वो लोग ओर थे दिल में उतर गये वो लोग ओर थे जो प्यार कर गये वो लोग ओर थे।
गुलशन के फूल फूल पे शबनम की बूँद से हँसकर बिखर गये वो लोग ओर थे जो प्यार कर गये वो लोग ओर थे।
मरते रहेंगे हम पे वो जीने की चाह में कहकर मुकर गये वो लोग और थे जो प्यार कर गये वो लोग ओर थे।
वो हुस्न के गुरूर में पर्दा किये रहे जो दर-ब-दर गये वो लोग ओर थे जो प्यार कर गये वो लोग ओर थे।
हाथों में हाथ बांधकर 'संतोष' रह गया, कुछ कर गुज़र गये वो लोग ओर थे जो प्यार कर गये वो लोग ओर थे।
फ़िल्म: जुनून (1991)