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जो बफादार हैं उन कों ही बफादार मिलें / नवीन सी. चतुर्वेदी
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जो बफादार हैं उन कों ही बफादार मिलें।
हम गुनहगार हैं हम कों तौ गुनहगार मिलें॥
हम फरिस्त'न की रिहाइस में न रह पामंगे।
बे जो यप्पार मिले हैं बे'इ बप्पार मिलें॥
बात-ब्यौहार-बजार'न सों ही सब रौनक है।
हम हू सामान हैं हम कों हू खरीदार मिलें॥
एक मुद्दत भई बरसात झमाझम न भई।
अब तौ अँखियन के मरुस्थल कों मददगार मिलें॥
जिन की बानी में असर होय दवा कौ मौजूद।
ऐ किसन ऐसे मसीहान कों बीमार मिलें॥
देख अपने'न ते नजर फेरबौ अच्छौ नहिं है।
अब तौ उलफत के तरफदार'नें दरबार मिलें॥
अन्न-दानिन सों निवेदन है बस इतनौ सौ 'नवीन'।
ऐसौ कछ कीजै कि मजदूर'नें रुजगार मिलें॥