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जो भी नजदीक है सब दूर चला जायेगा / रंजना वर्मा
Kavita Kosh से
जो भी नजदीक है सब दूर चला जायेगा
अब ये दिल जिंदगी के गीत नहीं गायेगा
अब मेरे आंसुओं को कौन आ के चूमेगा
गम के अब गीत मेरे कौन गुनगुनायेगा
प्यार है यार तुम्हारा मेरी मावस का दिया
तुम नहीं साथ इसे कौन अब जलायेगा
आशना दिल है मेरा ढूँढता हर ओर तुम्हें
तुम को पायेगा भी या ये यूँ ही मिट जायेगा
तुम हमारे हो हमारे ही रहोगे हरदम
तुम नहीं साथ तो अब स्वर्ग किसे भायेगा
रास्ते में बड़े काँटे हैं मुश्किलें भी हैं
वो राहबर है कहाँ साथ जो निभायेगा
चल पड़े हैं तुम्हारी याद की उँगली थामे
तुम्हारा प्यार हमें रास्ता दिखायेगा