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जो मिली है जिंदगी हँस कर बितानी चाहिये / रंजना वर्मा

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जो मिली है ज़िन्दगी हँस कर बितानी चाहिए
कुछ तो औरों के लिये भी काम आनी चाहिए

चलते चलते रुक न जाये ज़िन्दगी का कारवाँ
मौत की आंधी से हर इक शै बचानी चाहिए

वक्त से पहले कहीं मुरझा नहीं जाये कली
फूल बनने तक उसे भी खाद पानी चाहिए

जुर्म इतने बढ़ गये बदबू भरी सारी फ़िज़ा
खुशबुओं के वास्ते इक रातरानी चाहिए

बागबाँ बन कर सँवारें हम चमन को देश के
हो समर्पित देश पर ऐसी जवानी चाहिए

देश जीता मुफ़लिसी में चैन से तू सो रहा
ऐ अमीरे शहर तुझको शर्म आनी चाहिए

अश्क़ पोंछें दूसरों के दें दुआ दिल खोल कर
जिंदगी की रस्म कुछ ऐसे निभानी चाहिए