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जो मुझसे दूर है फिर भी जुदा नहीं होता / नवीन जोशी
Kavita Kosh से
जो मुझसे दूर है फिर भी जुदा नहीं होता,
वो मेरे पास जो होता मेरा नहीं होता।
ये मुझसे कहते हुए वह नज़र चुराता है,
कि गर वह प्यार ना करता ख़फ़ा नहीं होता।
बस एक बात पर आकर शिफ़ा हुई हाइल,
जो शख़्स दर्द हुआ हो दवा नहीं होता।
भला है वह तो भला करके फिर दिखाए भी,
बुरा ना करने से कोई भला नहीं होता।
ये हार उसकी नहीं मेरी बंदगी की है,
मेरे बनाने से गर वह ख़ुदा नहीं होता।