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जो रुष्ट हुए तुमसे तुम उनको मना लेना / रंजना वर्मा

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जो रुष्ट हो गये तुमसे तुम उनको मना लेना।
जो शत्रु बने उन को कह मित्र बुला लेना॥

रहने न कहीं पाये किरदार जहर वाला
शैतान न रह जाये इंसान बना लेना॥

जिस ओर उजाले की चमके ना किरण कोई
उस ओर अँधेरे की पहचान मिटा लेना॥

तुम ढूंढ़ नहीं पाये खुशियों से भरा गुलशन
हर खार चुभन देगा दिल में न बिठा लेना॥

आसान नहीं होता अरमान मिटाना पर
अपनों कि मोहब्बत में संसार भुला लेना॥

दुनियाँ न समझ पायी जीना है किसे कहते
तुम जान गंवा कर यह अंदाज सिखा लेना॥

इंसान कहाँ अपनी फ़ितरत है भुला पाता
आसान नहीं होता भगवान मना लेना॥