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जौ हर नाम-नाम बिन जाने / संत जूड़ीराम
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जौ हर नाम-नाम बिन जाने।
फिरत निहाल दहू दिस व्याकुल कर्म कीच गति साने।
विन विवेक मत भई बावरी जागत रैन विहाने।
राचो रंग सहस माया के सुक सपने में साने।
जैसे स्वान काँच वपु निरखे समझ और पहचाने।
भूलो आय आप के मांही फिर-फिर मत अरुझाने।
पड़त गुनत गुन कर्म बखाने हेरत जगत हिराने।
जूड़ीराम नाम बिन चीने काल के हाथ बिकाने।