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ज्ञान / नारायण झा
Kavita Kosh से
चुट्टी-पिपड़ी केना चलैए
बना विलक्षण धारी
ओ अनुशासित केना चलैए
सहयोगी सहकारी
साँझक समय फिरैए चिड़ै
अप्पन-अप्पन देश
पाँति सजा लगैए सुन्नर
देशक की आबेस
देश-कोस केर नेह-छोह
आ सहयोगक ई ज्ञान
बौआ-बुचिया देखू-सीखू
तखने बनब महान।