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ज्यों बादल बिन पानी प्यारे / नीरज गोस्वामी
Kavita Kosh से
जड़ जिसने थी काटी प्यारे
था अपना ही साथी प्यारे
सच्चा तो सूली पर लटके
लुच्चे को है माफ़ी प्यारे
उल्टी सीधी सब मनवा ले
रख हाथों में लाठी प्यारे
सोचो क्या होगा गुलशन का
माली रखते आरी प्यारे
इक तो राहें काँटों वाली
दूजे दुश्मन राही प्यारे
भोला कहने से अच्छा है
दे दो मुझको गाली प्यारे
मन अमराई यादें कोयल
जब जी चाहे गाती प्यारे
तेरी पीड़ा से वो तड़पे
तब है सच्ची यारी प्यारे
तन्हा जीना ऐसा "नीरज"
ज्यों बादल बिन पानी प्यारे