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झंडा है सम्मान हमारा / मधुसूदन साहा
Kavita Kosh से
झंडा है सम्मान हमारा,
आन-बान औ' मान हमारा।
शिखरों पर है यह फहराता,
मंद-मंद हर पल लहराता,
अपने गौरव की गाथाएँ
बड़ी शान से है दुहराता,
हरा हर्ष है खलिहानों का,
केसरिया बलिदान हमारा।
श्वेत शांति का मार्ग दिखाता,
चक्र प्रगति का भाग्य-विधाता,
ऊँचे हरे बाँस पर चढ़कर
यह उन्नति की सीख सिखाता,
यही हमारा धर्म कर्म है,
यही ज्ञान-विज्ञान हमारा।
जब तक यह फहरेगा ऊपर,
सुख समृद्धि बरसेगी भू पर,
मंदिर के मंत्रोच्चारण से
गूँजेगी धरती से अम्बर,
यही हमारी श्लोक-सहिंता,
यही राष्ट्र-अभिमान हमारा।