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झगड़े की कुछ वजह न हो तो / विज्ञान व्रत
Kavita Kosh से
झगड़े की कुछ वजह न हो तो
फिर भी ख़ुद से सुलह न हो तो
मन करता है ख़ुद में झाँकूँ
बाहर कोई जगह न हो तो
मेरी सोच बग़ावत ख़ुद से
इसकी कोई वजह न हो तो
जितना तुमने जाना मुझमें
कुछ भी मेरी तरह न हो तो
कब से एक अदालत में हूँ
लेकिन मुझ पर जिरह न हो तो