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झपट / अजित कुमार
Kavita Kosh से
जीवन-सागर में
शायद
बचेंगे वही
जो वक़्त और मौक़ा देखकर
बाहर निकलेंगे,
ख़तरे का
तनिक-सा आभास मिलते ही
दुबक जाएँगे,
अचक्के में
तुम पर झपटेंगे ।