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झांकी / मथुरा नाथ सिंह 'रानीपुरी'
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चिड़िया गुमसुम, बगुला अन्हरऽ
मछली बिल्लबिलैलऽ छै
काँटऽ-कुसऽ मन मुस्कावै
सगठें जाल बिछैलऽ छै।
केकरऽ यहाँ के की सुनतै
अपन्हैं में ओझरैलऽ छै
सगठें देखऽ खींचा-तानी
मनें-मन टकरैलऽ छै।
जन्नें-तन्नें चील झपट्टा
सबके नजरी समैलऽ छै
हड्डी-हड्डी पर उछलै छै
मांसे-मांस बिलैलऽ छै।
केकरऽ दाना के रे चुंगतै
सबके सब भुलैलऽ छै
मुण्डा-मुण्डा के झगड़ा में
‘मथुरा’ रोग बनैलऽ छै।