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झिर-झिर-झिर-झिर बरसे ओ बदरवा कारे / शैलेन्द्र

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झिर-झिर-झिर-झिर बदरवा बरसे
हो कारे कारे
सोए अरमान जागे कई तूफ़ान जागे
माने न जिया मोरा सजना बिना
झिर-झिर-झिर-झिर बदरवा बरसे

ओ ओ ओ…..
आजा के तोहे मेरी प्रीत पुकारे
तुझको ही आज तेरा गीत पुकारे

याद आई बीती बातें
तुमसे मिलन की रातें
याद आई बीती बाते
तुमसे मिलन की रातें
काहे को भूले मोहे
झिर-झिर-झिर-झिर बदरवा बरसे
हो कारे कारे

झिर-झिर-झिर-झिर बदरवा बरसे
सोये अरमाँ जागे
बरखा ना भये गोरी तेरे बिना

तेरे घुँघराले काले बालों से काली
रात ने आज मेरी नींद चुरा ली
तोसे ही प्यार करूँ
तेरा इन्तज़ार करूँ
तेरे बिन झूठा मेरा हर सपना

झिर-झिर-झिर-झिर बदरवा बरसे
हो कारे कारे