बात करना चाहता है चाँद अब।
आ गया वह आज मेरे द्वार पर,
तीरगी संहारता है चाँद अब।
आम दिल में है समाई बात यह,
राज़ दिल का जानता है चाँद अब।
है बला की शोख सुन्दरता लिए,
वीथियों से झाँकता है चाँद अब।
खो गई जाकर अमां में चाँदनी,
ग़म में डूबा दीखता है चाँद अब।