Last modified on 30 जनवरी 2015, at 11:26

झुला दो माई श्याम परे पलना / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

झुला दो माई श्याम परे पलना।
काऊ गुजरिया की नजर लगी है,
सो रोवत है ललना।
झुला दो...
राई नौन उतारो जसोदा,
सो खुशी भये ललना।
झुला दो...
जो मोरे ललना खों पलना झुलावैं
दैहों जडाऊं कंगना।
झुला दो...