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झूठे टाही लगवले बाड़, मिली ना / अंजन जी
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झूठे टाही लगवले बाड़, मिली ना
ओह ऊसर में गुलाब खिली ना ।
जानते बाड़, जवन भूत ध लीहले बा
केतना फूंक मारल जाई, ढिली ना ।