भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

झूठ और सच के बारे में / मुकेश मानस

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


एक

सौ झूठ बोलने से बेहतर है
एक सच बोल देना
और सिर्फ़ एक सच
आपकी पूरी ज़िन्दगी बदल सकता है
2007


दो

लोग कहते हैं
कि सच छुप नहीं सकता
मैं कहता हूँ
कि सच तो छुप सकता है
मगर झूठ कभी नहीं
2009