हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
झूमर तो पिया! तुम गढ़वाओ
बिन्दी लावै मेरे भातइये
चल चुप रह नार! देखे तेरे भातइये
पांच का लावैं पच्चीस ले जाएं
ब्याज मूल में तुझे ले जाएं
देखे तेरे भातइये
कांटे तो पिया तुम गढ़वाओ
कड़े गजरे लावैं मेरे भातइये
बून्दे अंगूठी लावैं मेरे भातइये
पांच का लावैं पच्चीस ले जाएं
दस पांच और ऊपर ले जाएं
ब्याज मूल में तुझे ले जाएं
देखे तेरे भातइये