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झूम के गाओ मैं शराबी हूँ / साग़र सिद्दीकी

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झूम के गाओ मैं शराबी हूँ
रक़्स फरमाओ मैं शराबी हूँ

एक सजदा ब-नाम-ए-मयख़ाना
दोस्तों आओ मैं शराबी हूँ

लोग कहते हैं रात बीत चुकी
मुझ को समझाओ मैं शराबी हूँ

आज इन रेशमी घटाओं को
यूँ न बिखराओ मैं शराबी हूँ

हादसे रोज़ होते रहते हैं
भूल भी जाओ मैं शराबी हूँ

मुझ पे ज़ाहिर है आपका बातिन
मुँह न खुलवाओ मैं शराबी हूँ