भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

झूलना / राग तेलंग

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आंगन में
डाल पर बैठी हुई चिड़िया
उड़ गई है

डाल झूल रही है

तुम्हारी याद आ रही है ।