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झूले रामचन्द्र रघुरइया देखऽ चारो भइया ना / महेन्द्र मिश्र
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झूले रामचन्द्र रघुरइया देखऽ चारो भइया ना।
कजरी राक मल्हार सोहावन गावे गवइया ना।।
हरित नीलगनी लगी बिछौना काम लजइया ना।
द्विज महेन्द्र छवि नीक सोहावन ध्यान धरइया ना।।