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टापू / बालकृष्ण काबरा 'एतेश' / लैंग्स्टन ह्यूज़
Kavita Kosh से
दुख भरी लहर
न डुबा अभी ठहर :
दिखाई दे रहा टापू मुझे
देखो सामने उधर।
दिखाई दे रहा टापू मुझे
है सुन्दर ज़मीन जहाँ :
दुख भरी लहर
मुझे ले चल वहाँ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : बालकृष्ण काबरा ’एतेश’