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टाबर अर इस्कूल / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
टाबर
इस्कूल जांवती टैम
क्यूं करै रोवा-कूकौ
अर बात-बात माथै
क्यूं ढूंढै रोवणै रौ भानौ
पछै रोंवता-टसकता
होळै-होळै पगलिया धरता
अर आपरै बस्तां नै
मगरां माथै लाद्यां
टाबरिया जावै इस्कूल
पण इस्कूल स्यूं घरां आंवती टैम
आखै रस्तै बै’ उछळता-कूदता
हाँसता-मुळकता
अर किलकार्यां मारता बगै
बस्तै रौ बोझ ई
बांनै नीं लागै बोझ
बौ’ दिन
कद आ सी
जिण दिन
टाबर हाँसता-मुळकता
इस्कूल जा सी।