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टाबर - 12 / दीनदयाल शर्मा
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टाबर हांसै-मुळकै
अर
करै मीठी-मीठी बातां
टाबर
सदांईं बोलै
सांच
आपां
टाबरां सूं सीखां
आपां
टाबरां ज्यूं दीखां।