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टाबर / ॠतुप्रिया
Kavita Kosh से
इस्कूल खुलै
तद रुणक बापरै
इस्कूलां री
नूंईं-नूंईं डे्रसां में
किलकारी मारता टाबर
हाँसता-खेलता टाबर
उछळता-कूदता टाबर
अमीर-गरीब
जात-पांत
अर चिंतावां सूं दूर
जठै जावै टाबर
आपरी
सौरम फैलावै टाबर।