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टीस हमर टाँकल / सतीश मिश्रा
Kavita Kosh से
गाछ-गाछ, पात-पात टीस हमर टाँकल
कली-कली, फूल-फूल तरे घाव झाँकल
कूक रहल कोइली चढ़ दरद के अटारी
मोरनी के पाँव बँधल कुरचे कटारी
ढरकावित लोर मोर सिसक-सिसक नाचल
कली-कली, फूल-फूल तरे घाव झाँकल
आहे के परछाँही चान, सुरुज, तारा
नील-गगन, बदरी आ बरसित जलधारा
हमर पीर-गीता बयार करे बाँचल
कली-कली, फूल-फूल तरे घाव झाँकल
चनकऽ हे हूक हिया बन-बन के रेंड़ी
रोकऽ ही भाव बाँध धिरजा के मेंड़ी
उझिलित हे जुग-जुग से जुग पानी तातल
कली-कली, फूल-फूल तरे घाव झाँकल
पोर-पोर टभके तब मीत! गीत गावीं
गोहुमाठी रख-रख हम फूस के बचावीं
गढ़ल-गढ़ल ओरहन के हाही हे मातल
कली-कली, फूल-फूल तरे घाव झाँकल