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टुनटुनियाँ! / रमेश तैलंग
Kavita Kosh से
टूँ-टूँ टिन-टिन
टिनक-टिनक-टिन
टुनटुनियाँ
छूँ-छूँ छिन-छिन
छिनक-छिनक-छिन?
छुनछुनियाँ।
खों-खों-खस्सू!
अब भग जा तू,
टुनटुनियाँ को
नहीं सता तू
मिट्ठी-मिट्ठी
दवा गिटककर
सो जाएगी टुनटुनियाँ।
बहुत हो चुकी
छीं-छीं, छूँ-छूँ,
खों-खों-खस्सू।
अब भग जा तू,
नहीं भगी तो
डंडा लेकर
आ जाएगी छुनछुनियाँ।