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टूटने के बाद / रमेश रंजक
Kavita Kosh से
टूटने के बाद
तितली कनखियों से
जुड़ गए हम
टूटने के बाद ।
छू सुनहरी पीठ परिचय की
वामनी क्षण सिन्धु तिरते
फूट पड़े बिजलियों से व्रण
जब अनूदित मेघ घिरते
साथ बाँधे याद
कनख़ी तितलियों-से
उड़ गए हम
टूटने के बाद ।